पेट मे दर्द व सांस लेने की तकलीफ के कारण गत 12 मार्च साय एम्स दिल्ली में हुए थे एडमिट।
हंसमुख स्वभाव के धनी आनन्द सिंह बिष्ट फारेस्ट विभाग के रेंज अधिकारी के पद से रिटायर मेन्ट होने बाद सामाजिक कार्यो में थे व्यस्त।
यमकेश्वर क्षेत्र में उच्च शिक्षा को लेकर चिंतित होने बाद विथ्याणि में सन 1998 में खोला था गुरू गोरखनाथ महाविद्यालय।
गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष व राज्य आंदोलनकारी भी थे आनन्द सिंह बिष्ट।
यमकेश्वर क्षेत्र में उच्च शिक्षा को घर घर पहुंचाने वाले आनन्द सिंह बिष्ट अपने परिवार में धर्मपत्नी श्रीमती सावित्री देवी, तीन पुत्रो सहित चार बेटियों के भरपूर परिवार को छोड़ कर प्रभु की शरण मे बैकुण्ठ धाम को सिधार गए।
यमकेश्वर के थलन्दी में जिला प्रशासन द्वारा बनाये गए है दो हेलीपैड। आज सुबह से ही प्रशासन की मूवमेंट यमकेश्वर में हो गई थी तेज।